मोहब्बत और मुकद्दर में बरसों से जिद का रिश्ता है

मोहब्बत और मुकद्दर में बरसों से जिद का रिश्ता है

मोहब्बत और मुकद्दर में बरसों से जिद का रिश्ता है

मोहब्बत और मुकद्दर में बरसों से जिद का रिश्ता है,
मोहब्बत जब भी होती है तो मुकद्दर रूठ ही जाता है।


Mohabbat aur mukaddar mein barason se jid ka rishta hai,
Mohabbat jab bhee hotee hai to mukaddar rooth hee jaata hai.