चीखे घर के द्वार की लकड़ी हर बरसात

चीखे घर के द्वार की लकड़ी हर बरसात

चीखे घर के द्वार की लकड़ी हर बरसात

चीखे घर के द्वार की लकड़ी हर बरसात
कटकर भी मरते नहीं, पेड़ों में दिन-रात


Cheekhe ghar ke dvaar kee lakadee har barasaat
Katakar bhee marate nahin, pedon mein din-raat