खुदा जब दोस्त है ऐ दाग, क्या दुश्मन से अंदेशा

खुदा जब दोस्त है ऐ दाग, क्या दुश्मन से अंदेशा

खुदा जब दोस्त है ऐ दाग, क्या दुश्मन से अंदेशा
हमारा कुछ किसी की दुश्मनी से हो नहीं सकता


Khuda jab dost hai ai daag, kya dushman se andesha
Hamaara kuchh kisee kee dushmanee se ho nahin sakata