कभी बेपनाह बरसी कभी गुम सी है

कभी बेपनाह बरसी कभी गुम सी है

कभी बेपनाह बरसी.....कभी गुम सी है,
यह बारिश भी.....कुछ-कुछ तुम सी है


Kabhee bepanaah barasee.....kabhee gum see hai,
Yah baarish bhee.....kuchh-kuchh tum see hai