हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं Admin / Jul 31, 2021 हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं, जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे। Haan Mujhe Rasm-e-Mohabbat Ka Saleeka Hi Nahi, Ja Kisi Aur Ka Hone Ki Ijazat Hai Tujhe. Shayari Hurt Shayari Ras Shayari