हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं

हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं

हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं

हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं,
इसलिए भारत का ये हाल हैं, किसान बेहाल हैं. नेता माला-माल हैं.


Har koee yahaan kisee na kisee paartee ke vichaaro ka gulaam hain,
Isalie bhaarat ka ye haal hain, kisaan behaal hain. neta maala-maal hain.