वो लूट रहे हैं सपनों को

वो लूट रहे हैं सपनों को

वो लूट रहे हैं सपनों को,
मैं चैन से कैसे सो जाऊ,
वो बेच रहे हैं भारत को,
ख़ामोश मैं कैसे हो जाऊ…


Vo loot rahe hain sapanon ko,
Main chain se kaise so jaoo,
Vo bech rahe hain bhaarat ko,
Khaamosh main kaise ho jaoo…