लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में,
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।


Log toot jaate hain ek ghar banaane mein,
Tum taras nahin khaate bastiyaan jalaane mein.