रात दिल को था सहर का इंतिज़ार

रात दिल को था सहर का इंतिज़ार

रात दिल को था सहर का इंतिज़ार
अब ये ग़म है क्यूँ सवेरा हो गया


Raat dil ko tha sahar ka intizaar
Ab ye gam hai kyoon savera ho gaya