मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था

मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था

मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था
रूह तक उतारते उतारते जिस्म को खोखला कर गया


Mohabbat Hai Ya Nasha Tha Jo Bhi Tha Kamal Ka Tha
Rooh Tak Utarte Utarte Jism Ko Khokhla Kar Gaya