महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं Admin / Aug 26, 2024 महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं फकत इस पैरहन की खातिर हम क्या -क्या सहते हैं!!! Mahaz bas pairahan hai rooh ka jise ham jism kahate hain Phakat is pairahan kee khaatir ham kya -kya sahate hain!!! Shayari 2 Line Shayari Ham Shayari Jism Shayari Rooh Shayari