महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं

महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं

महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं

महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं
फकत इस पैरहन की खातिर हम क्या -क्या सहते हैं!!!


Mahaz bas pairahan hai rooh ka jise ham jism kahate hain
Phakat is pairahan kee khaatir ham kya -kya sahate hain!!!