पी है शराब हर गली हर दुकान से

पी है शराब हर गली हर दुकान से

पी है शराब हर गली हर दुकान से,
एक दोस्ती सी हो गई है शराब के जाम से,
गुज़रे हैं हम इश्क़ में कुछ ऐसे मुकाम से,
की नफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से!!


Pee hai sharaab har galee har dukaan se,
Ek dostee see ho gaee hai sharaab ke jaam se,
Guzare hain ham ishq mein kuchh aise mukaam se,
Kee nafarat see ho gaee hai muhabbat ke naam se!!