ना पाने की खुशी है कुछ ना खोने का ही कुछ गम है

ना पाने की खुशी है कुछ ना खोने का ही कुछ गम है

ना पाने की खुशी है कुछ,ना खोने का ही कुछ गम है…
ये दौलत और शौहरत सिर्फ कुछ जख्मों का मरहम है…
अजब सी कशमकश है रोज जीने ,रोज मरने में…
मुक्कमल जिंदगी तो है,मगर पूरी से कुछ कम है…”


Na paane kee khushee hai kuchh,na khone ka hee kuchh gam hai…
Ye daulat aur shauharat sirph kuchh jakhmon ka maraham hai…
Ajab see kashamakash hai roj jeene ,roj marane mein…
Mukkamal jindagee to hai,magar pooree se kuchh kam hai…”