डोरी, पतंग, चरखी सब लिए बैठा हूं

डोरी, पतंग, चरखी सब लिए बैठा हूं

डोरी, पतंग, चरखी सब लिए बैठा हूं,
इंतजार है उस हवा का, जो तेरी छत की ओर चले।


Doree, patang, charakhee sab lie baitha hoon,
Intajaar hai us hava ka, jo teree chhat kee or chale.