ज्यों मरुस्थल में रंगीन गुल खिल गये

ज्यों मरुस्थल में रंगीन गुल खिल गये

ज्यों मरुस्थल में रंगीन गुल खिल गये
ज्यों समंदर में भटकों को तट मिल गये
हमको सानिध्य ऐसा लगा आपका
जैसे शबरी को उसके प्रभु मिल गये।


Jyon marusthal mein rangeen gul khil gaye
Jyon samandar mein bhatakon ko tat mil gaye
Hamako saanidhy aisa laga aapaka
Jaise shabaree ko usake prabhu mil gaye.