जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया

जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया

जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया,
शहजादी की खरोंच पे तमाम हकीम आ गये।


Jakhm gareeb ka kabhee sookh nahin paaya,
Shahajaadee kee kharonch pe tamaam hakeem aa gaye.