चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह...
मगर खामोश रहता हूँ अपनी तकदीर की तरह...


Chubhata to bahut kuchh mujhako bhee hai teer kee tarah...
Magar khaamosh rahata hoon apanee takadeer kee tarah...