क्या खबर तुमने कहाँ किस रूप में देखा मुझे

क्या खबर तुमने कहाँ किस रूप में देखा मुझे

क्या खबर तुमने कहाँ किस रूप में देखा मुझे

क्या खबर तुमने कहाँ किस रूप में देखा मुझे,
मैं कहीं पत्थर , कहीं मिट्टी और कहीं आईना थी...!


Kya khabar tumane kahaan kis roop mein dekha mujhe,
Main kaheen patthar , kaheen mittee aur kaheen aaeena thee...!