कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब

कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब

कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब,
इश्क़ का रोग था, बाप की चप्पल से ही आराम आया।


Kaise mumakin tha kisee aur dava se ilaaj gaalib,
Ishq ka rog tha, baap kee chappal se hee aaraam aaya.