कुछ उम्र की पहली मंजिल थी

कुछ उम्र की पहली मंजिल थी

कुछ उम्र की पहली मंजिल थी,
कुछ रस्ते थे अनजान बहुत,
कुछ हम भी पागल थे लेकिन,
कुछ वो भी था नादान बहुत,
कुछ उसने भी न समझाया,
ये प्यार नहीं आसान बहुत,
आखिर हमने भी खेल लिया,
जिस खेल में था नुकसान बहुत।


Kuchh Umr Ki Pehli Manzil Thi,
Kuchh Raste The Anjan Bahut,
Kuchh Hum Bhi Pagal The Lekin,
Kuchh Woh Bhi The Nadaan Bahut,
Kuchh Usne Bhi Na Samjhaya,
Yeh Pyaar Nahi Asaan Bahut,
Aakhir Humne Bhi Khel Liya,
Jis Khel Mein Tha Nuksaan Bahut.