इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा

इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा

इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा..
इन रस्तों पे चलते-चलते हमदर्द कोई मिल जाएगा.


In gam kee galiyon mein kab tak ye dard hamen tadapaega..
In raston pe chalate-chalate hamadard koee mil jaega.