सभी एक जैसा ही लिखते हैं, बस मतलब बदल जाते हैं Mohit / Jan 31, 2022 सभी एक जैसा ही लिखते हैं, बस मतलब बदल जाते हैं सभी एक जैसा ही लिखते हैं, बस मतलब बदल जाते हैं, सरकारे वैसे ही चलती हैं, बस वजीर-ए-आजम बदल जाते हैं. Sabhee ek jaisa hee likhate hain, bas matalab badal jaate hain, Sarakaare vaise hee chalatee hain, bas vajeer-e-aajam badal jaate hain. Shayari Matalab Shayari Politics Shayari Talab Shayari