इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही

इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही

इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है वसीयत नही.


Insaaniyat dil mein hotee hai haisiyat mein nahee,
Uparavaala karm dekhata hai vaseeyat nahee.