ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ,
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं,
रूह को दर्द मिला... दर्द को आँखें न मिली,
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं।
~ मुज़फ्फ़र वारसी
Zindagee tujhase har ek saans pe samajhauta karoon,
Shauq jeene ka hai mujhako magar itana to nahin,
Rooh ko dard mila... dard ko aankhen na milee,
Tujhako mahasoos kiya hai tujhe dekha to nahin.