ज़ख्म क्या क्या न ज़िन्दगी से मिले

ज़ख्म क्या क्या न ज़िन्दगी से मिले

ज़ख्म क्या क्या न ज़िन्दगी से मिले,
ख्वाब पलकों से बे-रुखी से मिले,
आप को मिल गए हैं किस्मत से,
हम ज़माने में कब किसी को मिले?


Zakhm Kya Kya Na Zindgi Se Mile,
Khwab Bhi Palkon Se Be-Rukhi Se Mile,
Aap Ko Mil Gaye Hain Kismat Se,
Hum Zamaane Mein Kab Kisi Ko Mile?