होठों की मुस्कुराहट से गम को दबा कर बैठे है, Admin / Jan 31, 2022 होठों की मुस्कुराहट से गम को दबा कर बैठे है, होठों की मुस्कुराहट से गम को दबा कर बैठे है, मेरे पिता बहुत कुछ मुझसे छुपा कर बैठे है. Hothon kee muskuraahat se gam ko daba kar baithe hai, Mere pita bahut kuchh mujhase chhupa kar baithe hai. Shayari Hindi Shayari Kuch Shayari Muskurahat Shayari