हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें Mohit / Jan 31, 2022 हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें, जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें। Haadason kee zad mein hain to kya muskuraana chhod den, Jalajalon ke khauph se kya ghar banaana chhod den. Shayari 2 Line Shayari Ghar Shayari Jal Shayari Muskura Shayari Nana Shayari