हाथों की लकीरें पढ़ कर

हाथों की लकीरें पढ़ कर

हाथों की लकीरें पढ़ कर
रो देता है दिल,
सब कुछ तो है मगर
एक तेरा नाम क्यूँ नहीं है।


Haathon Ki Lakeerein ParhKar
Ro Deta Hai Dil,
SabKuchh Toh Hai Magar
Ek Tera Naam Kyun Nahi Hai.