हसरतें कुछ और वक्त की इल्तजा कुछ और

हसरतें कुछ और वक्त की इल्तजा कुछ और

हसरतें कुछ और, वक्त की इल्तजा कुछ और,
कौन जी सका है, अपने मुताबिक ज़िन्दगी...!


Hasaraten kuchh aur, vakt kee iltaja kuchh aur,
Kaun jee saka hai, apane mutaabik zindagee...!