हर पुत्र अपने माता पिता का ऋणी होता है

हर पुत्र अपने माता पिता का ऋणी होता है

हर पुत्र अपने माता-पिता का ऋणी होता है,
उन्हें धन्यवाद नहीं बोल सकते
पर जरूरत पर उनके साथ रह सकते है.


Har putr apane maata-pita ka rnee hota hai,
Unhen dhanyavaad nahin bol sakate
Par jaroorat par unake saath rah sakate hai.