हम वो आशिक हैं जो सुबह को शाम बना देते हैं
छोटी–छोटी मौसमीयों को आम बना देते हैं
हम से पंगा न ले ओ छोरी हम तो वो हैं जो
छोटी सी दूकान का भी गोदाम बना देते हैं
Hun Vo Aashiq Hai Jo Subha Ko Shaam Bana Dete Hai
Choti-Choti Mosambio Ko Aam Bana Dete Hai
Hum Se Panga Naa Le Oo Chori Hum To Vo Hai Jo
Choti Si Dukaan Ko Bhi Godaam Bana Dete Hai