हथेलियों पर खींचने से लकीरें मुक़दर नहीं बदलता

हथेलियों पर खींचने से लकीरें मुक़दर नहीं बदलता

हथेलियों पर खींचने से लकीरें, मुक़दर नहीं बदलता...
सोच से ही है सब कुछ, बिन सोचे कुछ नहीं बदलता...!!


Hatheliyon par kheenchane se lakeeren, muqadar nahin badalata...
Soch se hee hai sab kuchh, bin soche kuchh nahin badalata...!!