सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर

सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर

सोचने से कहाँ मिलते है, तमन्नाओं के शहर...
चलने की जिद भी जरुरी है, मंजिल पाने के लिए...!!


Sochane se kahaan milate hai, tamannaon ke shahar...
Chalane kee jid bhee jaruree hai, manjil paane ke lie...!!