सिर्फ इशारों में होती है मोहब्बत अगर

सिर्फ इशारों में होती है मोहब्बत अगर

सिर्फ इशारों में होती है मोहब्बत अगर, इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता
बस पत्थर बन के रह जाता ताज महल अगर इश्क इसे अपनी पहचान न देता।


Sirph ishaaron mein hotee hai mohabbat agar, in alphaajon ko khoobasooratee kaun deta
Bas patthar ban ke rah jaata taaj mahal agar ishk ise apanee pahachaan na deta.