सब्र धैर्य इंतज़ार सब बेमानी हो जाता है

सब्र धैर्य इंतज़ार सब बेमानी हो जाता है

सब्र, धैर्य, इंतज़ार सब बेमानी हो जाता है...
नशा मोहब्बत का जब सिर पे सवार हो जाता है...!!


Sabr, dhairy, intazaar sab bemaanee ho jaata hai...
Nasha mohabbat ka jab sir pe savaar ho jaata hai...!!