शायर ए फितरत हूँ मैं जब फिक्र फरमाता हूँ Neha / Jan 31, 2022 शायर ए फितरत हूँ मैं जब फिक्र फरमाता हूँ शायर-ए-फितरत हूँ मैं जब फिक्र फरमाता हूँ.. मैंरूह बनकर ज़र्रे ज़र्रे में समा जाता हूँ मैं... Shaayar-e-phitarat hoon main jab phikr pharamaata hoon.. Mainrooh banakar zarre zarre mein sama jaata hoon main... Shayari 2 Line Shayari Fikr Shayari Mata Shayari Rooh Shayari Shayar Shayari