शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे दिल के भरने में

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे दिल के भरने में

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।


Shaayad kuchh din aur lagenge, zakhme-dil ke bharane mein,
Jo aksar yaad aate the vo kabhee-kabhee yaad aate hain.