शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से

शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से

शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से,
कितना भी लिखो कुछ ना कुछ बाकी रह जाता है


Shabd bhee haar jaate hain kaee baar jajbaaton se,
Kitana bhee likho kuchh na kuchh baakee rah jaata hai