वक़्त होता है हर एक ज़ख़्म का मरहम

वक़्त होता है हर एक ज़ख़्म का मरहम

वक़्त होता है हर एक ज़ख़्म का मरहम,
फिर भी कुछ ज़ख़्म थे जो न भरते देखे।


Waqt Hota Hai Har Ek Zakhm Ka Marham,
Phir Bhi Kuchh Zakhm The Jo Na Bharte Dekhe.