वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है

वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है

वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है...
कब, कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते...!!


Vakt, mausam aur logon kee ek hee phitarat hotee hai...
Kab, kaun aur kahaan badal jae kuchh kah nahin sakate...!!