लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है

लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है

लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है,
पहले मुड़ कर देखते थे अब देख कर मुड़ जाते हैं।


Logon kee nazaron mein phark ab bhee nahin hai,
Pahale mud kar dekhate the ab dekh kar mud jaate hain.