लिखी नहीं मुद्दत से कोई नज्म कलम ने

लिखी नहीं मुद्दत से कोई नज्म कलम ने

लिखी नहीं मुद्दत से कोई नज्म कलम ने।
डर है कोई न बेंच दे मेरे ग़म बाज़ार में।।


Likhee nahin muddat se koee najm kalam ne.
Dar hai koee na bench de mere gam baazaar mein..