लाख पता बदला मगर पहुँच ही गया

लाख पता बदला मगर पहुँच ही गया

लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया;
ये ग़म भी था, कोई डाकिया ज़िद्दी सा!


Laakh pata badala, magar pahunch hee gaya;
Ye gam bhee tha, koee daakiya ziddee sa!