रोज़ मिट्टी में कहां जान पड़ा करती है

रोज़ मिट्टी में कहां जान पड़ा करती है

रोज़ मिट्टी में कहां जान पड़ा करती है,
इश्क सदियों में कोई ताजमहल देता है।


Roz mittee mein kahaan jaan pada karatee hai,
Ishk sadiyon mein koee taajamahal deta hai.