राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर

राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर

राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।


Raaz Khol Dete Hain Nazuk Se Ishaare Aksar,
Kitni Khamosh Mohabbat Ki Jubaan Hoti Hai.