यूँ ही नहीं आई मेरे लहजे में ये तल्ख़ी

यूँ ही नहीं आई मेरे लहजे में ये तल्ख़ी

यूँ ही नहीं आई मेरे लहजे में ये तल्ख़ी

यूँ ही नहीं आई मेरे लहजे में ये तल्ख़ी,
रिश्तों में बेरुखी का ज़हर चखा है मैंने...!!


Yoon hee nahin aaee mere lahaje mein ye talkhee,
Rishton mein berukhee ka zahar chakha hai mainne...!!