यही ईमान लिखते हैं यही ईमान पढ़ते हैं

यही ईमान लिखते हैं यही ईमान पढ़ते हैं

यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं
हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान पढ़ते हैं

यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं
वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं


Yahi imaan likhte hai, yahi imaan padhte hai
Hume kuch aur mat padhwao, hum kuran padhte hai

Yahi ke saare manzar hai, yahi ke saare mausam hai
wo andhe hai, jo in aankho me Pakisthan padhte hai