मोहब्बत की हवाओं में इश्क की पतंग हम भी उड़ाया करते थे

मोहब्बत की हवाओं में इश्क की पतंग हम भी उड़ाया करते थे

मोहब्बत की हवाओं में इश्क की पतंग हम भी उड़ाया करते थे,
वक्त गुजरता रहा और धागे उलझते रहे।


Mohabbat kee havaon mein ishk kee patang ham bhee udaaya karate the,
Waqt gujarata raha aur dhaage ulajhate rahe !!