मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ Rajnish / Jan 31, 2022 मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ; कोई मासूम क्यों मेरे लिए बदनाम हो जाए। Main yoon bhee ehatiyaatan us galee se kam guzarata hoon; Koee maasoom kyon mere lie badanaam ho jae. Shayari Badan Shayari Gali Shayari Hindi Shayari Naam Shayari