बेरंग ही होती है हक़ीक़त ए ज़िन्दगी ऐ दोस्त

बेरंग ही होती है हक़ीक़त ए ज़िन्दगी ऐ दोस्त

बेरंग ही होती है, हक़ीक़त-ए-ज़िन्दगी ऐ दोस्त;
वर्ना झूठ के चेहरों के तो, हज़ारो रंग होते हैं!


Berang hee hotee hai, haqeeqat-e-zindagee ai dost;
Varna jhooth ke cheharon ke to, hazaaro rang hote hain!